
हम अभिभावकों को उनके बच्चे नहीं लौटा सकते मगर हम शर्मिन्दा हैं... हम उनको बचा नहीं सके......
आपका अल्प कार्यकाल रहा मगर आपने हम सभी शिक्षकों का दिल जीता।
साथ ही यह भी पहला मौका है जब हम डेल्टा के लोगों ने किसी डाइरेक्टर की प्रशंसा इस वेबसाईट पर की हो। हम लोग भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोलने के लिए 'कुख्यात' हो रहे हैं।
आपसे पहले भी कुछ 'महामहिम' आए थे जो हम सभी को डंडे से हांकना चाहते थे। गाय का दूध और शिक्षक का ज्ञान डंडे मारके तो नहीं निकाला जा सकता।
ऐसे दौर में आप एक शालीन व्यक्ति नजर आए। हम सभी को बड़ी खुशी होगी अगर आप दुबारा हमारे बीच हों....हम आपकी शालीनता का सम्मान करते हैं और शिक्षा विभाग में शालीनता और विनम्रता को पुनः स्थान देने के चलते
डेल्टा संगठन आपको सैल्यूट करता है.......
हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं...
" इस हादसे को सुनके करेगा यकीं कोई,
सूरज को एक झोंका हवा का बुझा गया "