हिंदुस्तान 24/08/2011
Wednesday, August 24, 2011
Saturday, August 13, 2011
क्लर्कों और अधिकारियों पर भी होगी समय से ऑफिस पहुंचने की सख्ती
कर्मचारियों पर चलेगा समय का डंडा
विभूति कुमार रस्तोगी, नई दिल्ली
दैनिक जागरण, 10/08/2011
शिक्षा निदेशालय शिक्षकों के बाद अब कर्मचारियों पर समय का डंडा चलाएगा। किसी भी कीमत पर अब कर्मचारियों की काम के प्रति लापरवाही और उनका बेवक्त आना-जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी कथन के साथ शिक्षा निदेशालय ने वक्त की पाबंदी के लिए 25 नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। लिहाजा अब अगर शिक्षा निदेशालय, शिक्षा जिला कार्यालय, जोन कार्यालय सहित अन्य शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारी समय के प्रति लापरवाह पाए गए तो उनकी खैर नहीं होगी। राजधानी के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति पूरी तरह मैनुअल है और शिक्षक प्राचार्य कमरे में रखे रजिस्टर पर आने-जाने का समय दर्जकर हस्ताक्षर करते हैं। लिहाजा इससे वैसे शिक्षकों का मनोबल बढ़ा रहता है, जो प्राचार्य के करीबी हैं। इसी साठगांठ को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी स्कूलों में बायोमैट्रिक सिस्टम लगाने की घोषणा कर चुकी है। यह योजना अक्टूबर तक लागू होनी है। इसी दौरान शिक्षकों ने भी कर्मचारियों की लापरवाही पर अंगुली उठाई थी और कहा था कि बेलगाम कर्मचारियों पर भी लगाम लगे। हाल ही में शिक्षा निदेशक दीवान चंद ने पहल करते हुए सभी जिला शिक्षा कार्यालयों में औचक छापेमारी की थी। उस दौरान काफी कर्मचारी न केवल गैर हाजिर पाए गए थे, बल्कि दर्जनों देर से कार्यालय पहुंचे थे। शिक्षा निदेशक ने सभी को कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया था और इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव पीके त्रिपाठी को दे दी गई थी। दिल्ली सरकार शिक्षा निदेशक की रिपोर्ट के बाद हरकत में आई और आनन-फानन में कर्मचारियों की लेटलतीफी पर लगाम लगाने के लिए 25 नोडल अधिकारी तैनात कर दिए। राजधानी में शिक्षा निदेशालय को छोड़ कुल 12 जिला शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय हैं। इन सभी कार्यालयों में एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किया गया है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय में कार्यरत कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के एसोसिएशन डेल्टा के महासचिव मदन मोहन तिवारी ने इसे अच्छा कदम बताया है।