Friday, December 20, 2013

दिल्ली की शिक्षक विरोधी कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने में हम शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है

दिल्ली की शिक्षक विरोधी कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने में हम शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है
और डेल्टा  की अपील का व्यापक असर भी देखने को मिला था
इसका खुलासा अख़बार की इस रिपोर्ट से हुआ है
दिल्ली के चुनाव में जिनकी ड्यूटी लगी थी ऐसे सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा शुरू की  गयी थी और इस बार यह व्यवस्था अन्य वर्षों की  तुलना में उत्तम थी
चुनाव में लगे सरकारी कर्मचारियों ने ४ दिसंबर से पहले ही वोट डाल दिए थे
सरकारी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने कांग्रेस सरकार को यह सूचना दे दी कि इस बार पोस्टल बैलट से हुए चुनाव में 80 प्रतिशत से भी अधिक कर्मचारियों ने सरकार के विरुद्ध वोट डाला है
ज्ञातव्य है कि जिन सरकारी कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी थी उनमें सबसे अधिक 90 प्रतिशत शिक्षक ही थे और इनमें से अगर 80 प्रतिशत ने इस शिक्षक विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए वोट दिया तो यह हम सभी की बहुत बड़ी जीत थी
दिल्ली में शिक्षकों की तीन प्रमुख यूनियन हैं
1. एक तो सरकारी और कांग्रेस पोषित संगठन है जिसने पिछले 10  -12  वर्षों से सरकार की चाटुकारिता के को ही अपना धर्म मान लिया है
2 . अध्यापक परिषद् भारतीय जनता पार्टी समर्थक शिक्षक संगठन है पर इसने शिक्षक विरोधी कांग्रेस सरकार के विरुद्ध खुली अपील नहीं की और सकुचा के रह गए
3. हम डेल्टा  से जुड़े लोग यथा सम्भव किसी भी राजनीतिक पार्टी की  चापलूसी नहीं करते और विरोध करना हमारे खून में है इसलिए हम लोगों ने खुली अपील की थी कि कांग्रेस को पटकनी दो
   
केवल डेल्टा  ने इस चुनाव में उस कांग्रेस का विरोध किया था जिसने हम शिक्षकों को सही पे स्केल तक नहीं दिया बंचिंग तो दूर की बात है
दिल्ली के सभी सीनियर शिक्षक आज भी जूनियर से कम वेतन ले रहे हैं और एनोमली दूर करने के लिए हम धक्के खा रहे हैं

नतीजा आपके सामने है
हमने इनको सही सबक सिखाया है और आगे भी हर शिक्षक विरोधी सरकार को एकजुट रहकर धूल चटाएंगे

अगर हम शिक्षक अपनी पर आ जाएँ तो अनेक निरंकुश तानाशाह जमीन सूंघ जाते हैं
इस रिपोर्ट को पढ़िए
(दैनिक जागरण 19 -12 -2013)

http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/19-dec-2013-edition-Delhi-City-page_3-6893-7265-4.html
 

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