Tuesday, November 19, 2013

हम चुपचाप रहकर मूकदर्शक बनके न तो जीने वाले लोग हैं, न ही हम सत्ता को निरंकुश हाथों में जाते देख सकते हैं

मित्रों
दिल्ली में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं
पिछले सभी चुनावों में हम केवल चुनाव कर्मी बनके मूक दर्शक बने रहे हैं और जनता जिसे भी चुने उसको अपना भाग्य विधाता मान कर चुपचाप अपनी नौकरी करते रहे हैं
हममें से अधिकतर मानते हैं यही हमें करना भी चाहिए
कोऊ होए नृप हमें का हानि
चेरी छोड़ का होयब रानी।।
यानि कोई भी राजा बने, हमें क्या हानि, हमें तो नौकर ही रहना है

मित्रों हम डेल्टा  के लोग कभी भी ऐसी पुरातन मानसिकता के लोग नहीं रहे हैं
हम चुपचाप रहकर मूकदर्शक बनके न तो जीने वाले लोग हैं
न ही हम सत्ता को निरंकुश हाथों में जाते देख सकते हैं

सत्ता किसी की भी हो
किसी भी पार्टी की हो
किसी भी तानाशाह के हाथ में हो
उसके गलत निर्णयों को  हम सदा चुनौती देने वाले लोग हैं

कुछ प्रश्न हैं जो अब हमारे सामने हैं
१. हमारी  सबसे बड़ी समस्या 17140 के बाद बंचिंग करके सही पे स्केल देने की थी
इस समस्या पर हम शिक्षकों को लगातार बेवकूफ बनाया गया है
और राज्य एवं केंद्र दोनों में ही बैठी काँग्रेस पार्टी की सरकार ने लगातार पांच वर्षों तक  झूठे आश्वासन देकर हम लोगों का समय बर्बाद किया है

अभी कुछ महीने पहले एक कांग्रेसी विधायक ने भी हम शिक्षकों को न्यू सेक्रिटेरियट में शिक्षा मंत्री के चैम्बर में बुलाकर बेवकूफ बनाया और लगभग सौ शिक्षकों के सामने बेकार के वादे किये जिनमें से एक भी पूरा नहीं किया गया
 
अब हमारे संगठन का सीधा सीधा निर्णय है
हम हर सम्भव कोशिश करके काँग्रेस पार्टी की सरकार का विरोध करेंगे और इसको आगामी चुनाव में हर सम्भव नुकसान पहुंचाएंगे ताकि ऐसी शिक्षक विरोधी सरकार दुबारा सत्ता में न आये

२.अन्ना आंदोलन में हम शिक्षकों ने अपनी ओर से अनेक छात्रों को और शिक्षकों को आंदोलन में भेजा था
तब उद्देश्य भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन मानस की लड़ाई को सम्बल देने का था और हमने बिना किसी स्वार्थ के इस आंदोलन को सहयोग दिया था  

परन्तु समय के साथ अन्ना के सहयोगियों का भी असली चेहरा सामने आता गया है
जो अपने ही साथियों के नहीं हुए हैं वे दिल्ली की  जनता का भला नहीं कर सकते

AAP के बैनर तले काँग्रेस की ही बी-टीम काम रही है
इस पार्टी के मंच पर और इसके नेताओं के साथ नक्सलवादी संगठनों में काम करने वाले लोग,
मानवाधिकार के नाम पर अफजल गुरु और कसाब जैसे आतंकियों की फांसी का विरोध करने वाले कम्युनिस्ट संगठन के लोग,
कश्मीर तथा मणिपुर नागालैंड जैसे राज्यों को इस देश से अलग कराने में लगे हुए अलगाव वादी संगठनों के  लोग ,
मुजफ्फरनगर में दंगा करवाने वाले मुस्लिम कट्टरपंथियों और फतवा जारी करने वाले मुल्ले मौलवियों के गिरोह के साथ साथ अनेक बड़े बड़े काले कारनामे करने वाले लोगों का नाम सामने आने लगा है

और तो और केजरीवाल गैंग सभी छात्रों को स्कूलों में उर्दू पढ़ना अनिवार्य करने की बात करने लगा है
यह मुस्लिम तुष्टिकरण की  वह घटिया राजनीति है जिसने भारत का विभाजन करवाया था और आज भी अनेक निर्दोष नागरिक आतंकवाद के शिकार हो रहे हैं
 हम इस तरह की घटिया बातों का विरोध करते हैं
यह केजरीवाल गैंग जगह जगह सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए बहुत ही गलत भाषा में आरोप लगा रहा है और हमें सुधार देने की धमकी देता घूम रहा है
हम ऐसी असभ्य भाषा का विरोध करते है और अनुरोध करते हैं कि पहले हमारी समस्याओं को सुना जाय कि हम चाहकर भी क्यों बहुत अच्छा नहीं कर पाते जबकि हममें मेधा भी है और क्षमता भी है

३. आज देश गुजरात में एक नए राजनीतिक प्रयोग को देख चुका है
वहाँ अनेक क्षेत्रों के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत बड़ा विकास हुआ है
आप कभी समय निकाल कर उस गुजरात के किसी एक क्लासरूम का चित्र इंटरनेट से खोजिये जिसमें वोट पड़ते हैं
हर कमरे में लगे हुए सुन्दर ब्लैक बोर्ड कंप्यूटर और सुन्दर दीवारें एक विदेशी क्लासरूम का आभास कराती हैं
हमें और क्या चाहिए
जिस तरह एक महिला को सुन्दर रसोई चाहिए वैसे ही हमें पढने पढ़ाने के लिए एक सुन्दर क्लास रूम तो दीजिये, श्रीमान

५. अंत में बिना किसी लाग लपेट के यही कहना है

हम नरेंद्र मोदी जी के विकास के मॉडल को दिल्ली के स्कूलों में देखना चाहते हैं

हम सभी डेल्टा  के सदस्य आगामी चुनाव में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की  सरकार बने और दिल्ली में डॉ हर्षवर्धन जी के नेतृत्व में एक साफ़ सुथरी सरकार बने इसके लिए अपनी ओर से हर तरह का प्रयास करेंगे
और हम सफल होंगे, पूर्ण विश्वास भी है
यही राष्ट्र हित में है
यही देश हित में है
 

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