Saturday, April 23, 2011

Computers re-purchased from OC of Commonwealth Games despite of CBI inquiries




कबाड़ कंप्यूटर से पढ़ेंगे नौनिहाल


विभूति रस्तोगी, नई दिल्ली राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चे कंप्यूटर की शिक्षा, उस कंप्यूटर से लेंगे जिसकी खरीदारी अभी सीबीआइ की जांच के केंद्र में है। जांच के केंद्र में इसलिए है कि ये सभी कंप्यूटर राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान खरीदे गए थे और खेलों के दौरान जो सामान खरीदा गया है, उस पर ज्यादा भुगतान करने का आरोप संबंधित विभागों पर लगा हुआ है। बात यहीं पर खत्म नहीं हो जाती है। विडंबना देखिए कि पहली बार शिक्षा निदेशालय स्कूलों में भेजने के लिए सेकेंड हैंड (कबाड़) सामानों की खरीदारी की है। जो नियमत: गलत है, स्कूलों में आज तक कोई भी सामान सेकेंड हैंड नहीं खरीदा गया है। हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षा निदेशालय ने सेकेंड हैंड कंप्यूटरों की खरीददारी उस वक्त की है, जब स्कूलों से कंप्यूटर की शिक्षा देने वाले सैकड़ों शिक्षकों को 31 मार्च को ही चलता कर दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया पर जानकार यहां तक टिप्पणी करते हैं कि आम के आम और गुठलियों के दाम। दरअसल पूरा मामले का खुलासा शिक्षा निदेशालय के दो सरकुलर से हुआ है, जिनकी कॉपी दैनिक जागरण के पास है। सरकुलर शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक नित्या नंद द्वारा जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि विभाग ने राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति से राष्ट्रमंडल खेल के दौरान इस्तेमाल किए गए कंप्यूटरों की खरीददारी की है। इन्हें सभी स्कूलों में लगाने के लिए विभाग ने एक टेंडर प्रक्रिया अपना कर इसकी जिम्मेवारी जेस्ट सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी है। कंपनी के प्रतिनिधि हिमांशु ने बताया कि उन्हें टेंडर सिर्फ स्कूलों में कंप्यूटर पहुंचाने और वहां लगाने का मिला है। इसके अलावा कुछ नहीं। राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति ने शिक्षा निदेशालय ने करीब 800 कंप्यूटर खरीदे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि राष्टमंडल खेलों के सामान को खरीदने में इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया गया हो तो फिर वह सामान स्कूलों में क्यों पहुंचा दिया गया। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि आज तक स्कूल में सेकेंड हैंड (कबाड़) सामान नहीं लगाया है।

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