
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों को हटा दिए जाने से कंप्यूटर की पढ़ाई बिलकुल ठप हो गई है। स्कूलों के प्रिंसिपलों का कहना है शिक्षा निदेशालय का यह कदम बेहद गैरजिम्मेदाराना है। उनका कहना है कि एक ओर सरकारी स्कूलों के बच्चों को पब्लिक स्कूलों के बच्चों की तैयार करने के दावे किए जाते हैं वहीं शिक्षा का जरूरी अंग बन चुकी कंप्यूटर की पढ़ाई से सरकारी स्कूलों के बच्चों को महरूम कर दिया गया है। उन्होंने दिल्ली सरकार से जल्द इस ओर ध्यान देने की बात कही है। बृहस्पतिवार को स्कूलों से अनुबंध पर रखे गए कंप्यूटर शिक्षकों के हटने के बाद जब शुक्रवार और शनिवार को बच्चे स्कूल आए तो उनका कंप्यूटर का पीरियड नहीं हुआ। दरियागंज स्थित सरकारी स्कूल के बच्चों से जब बात की गई तो उनका कहना था कि वे कंप्यूटर में काफी कुछ सीख चुके थे। कंप्यूटर की पढ़ाई उन्हें अच्छी लग रही थी। लेकिन बीते दो दिन से कंप्यूटर का पीरियड ही नहीं हुआ है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के संगठन डेल्टा के महासचिव मदन मोहन तिवारी का कहना है कि कंप्यूटर की शिक्षा होने से सरकारी स्कूल के बच्चे भी काफी बेहतर हो गए थे। लगता है कि शिक्षा निदेशालय गंभीरता को समझेगा और टेंडर की प्रक्रिया अपनाएंगे।
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