Wednesday, July 1, 2009

आज केवल बच्चों की छुट्टी थी


आज सभी बच्चों की छुट्टी कर दी गयी थी।
कल जिन शिक्षकों को सेमिनार में बुलाया गया है, उनको तो अलग अलग जगहों पर पहुँच कर सेमिनार की शोभा बढानी है और जिनको नहीं बुलावा आया है उनको स्कूल की शोभा बढानी है। जितनी हड़बड़ी में, जल्दी जल्दी और रोज बदलने वाले आदेश निकल रहे हैं, उसको देखकर शोले फ़िल्म के उस जेलर की याद आती है जो अपने सिपाहियों से कहता था ....हें... मैं अग्रेजों के जमाने का जेलर हूँ ...हें... आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ, बाकी मेरे पीछे आओ...हें...