
http://kvsangathan.nic.in/doubt_regarding_pay_fix.pdf
सीनियर को जूनियर के साथ,एनोमली दूर करते समय एक साथ रखना ही पड़ेगा और टी.जी.टी.के लिए 17140 तथा पी जी टी के लिए 18150 से शुरू करके बंचिंग करते हुए यही पे- स्केल लागू करना पड़ेगा। प्रिंसिपल तथा अधिकारियों के लिए भी इसी तरह बंचिंग करनी होगी। बंचिंग करते समय पी जी टी को टी जी टी से समान बेसिक पर कम नहीं दिया जा सकता इसीलिए 6700 और 6725 पर 13710 दिया गया है। कमाल की बात है कि कोई भी उच्च अधिकारी सही पे-स्केल न बता कर पे-कमीशन की रिपोर्ट को ही इन्टरनेट से कॉपी-पेस्ट करके निचले अधिकारी को भेज देता है। ये लो, सिक्स्थ पे-कन्फ्यूजन का संविधान और जैसे मन करे बिल बना लो। पूछो तो कहते हैं---हम क्या करें,कम तो हमें भी मिल रहा है। इस अजीब दौर में भी एक दिन सभी नवोदय,केंद्रीय,रेलवे तथा अनेक पब्लिक स्कूलों में भी यही पे- स्केल लागू होंगे।मगर हमें जगा रहना पड़ेगा और संगठन को आर्थिक रूप से तैयार रखना होगा ताकि किसी भी समय कोर्ट में चुनौती दी जा सके। आप अपने सभी दोस्तों को ऑनलाइन मेम्बरशिप फॉर्म भरने के लिए प्रेरित करते रहें। उच्च अधिकारियों ने फिलहाल प्रिंसिपल को ग़लत बिल भेजने का दोषी बना रखा है। अपनी तरफ़ से दो-चार लाइन का आदेश निकल दिया है कि सभी को नए वेतनमान तथा एरियर दे दिया जाय। बस, अपनी बला दूसरे के सर। यही तो ABCD technique है। प्रिंसिपल जब चाहें,अब अपनी सुविधा के अनुसार चाहे तो बंचिंग के साथ अभी से लागू करें या बाद में। लेकिन अभी बंचिंग कर देने पर दुबारा फिक्सेसन नहीं करना पडेगा। कुल मिलाकर तीन बार एरियर देना पड़ेगा। पहली बार 40 % ,दूसरी बार 60% एवं तीसरी बार एनोमली का एरियर। आप अपने आस पास जनवरी 2006 की नियुक्ति का मामला खोजें और हमें सूचित करें। जिन राज्यों में जनवरी 2006-2008 के बीच कोई नियुक्ति नहीं हुई है वहां विसंगति आज तो नहीं होगी और एरियर भी नहीं मिलेगा परन्तु जिस दिन कोई नयी नियुक्ति हो जायेगी उसी दिन राज्य भर में विसंगति बन जायेगी।विसंगति दूर करने कराने में परेशानी किसी से छिपी नहीं है।
कुल मिलाकर ये सरकार आलोचना ही झेलेगी। श्रेय मिलना तो गया भांड में।
"कुछ समझकर ही खुदा तुझको कहा है वरना,
कौन सी बात कही, इतने यकीं से हमने....
(जानिसार अख्तर)