Monday, November 17, 2008

केवल धैर्य रखना होगा

नए वेतन निर्धारण में ये देखने को मिल रहा है कि कोई भी एकरूपता देश भर में बन नहीं पाई है। यह एक नयी अराजकता कही जा सकती है। गौहाटी से लेकर गुजरात तक और देहरादून से पांडिचेरी तक अजीब स्थिति बनी पड़ी है।यह किस तरह का पे-कमीशन था जिसने भारत का संविधान जैसी चीज तो लिख मारी परन्तु चार फिटमेंट टेबल और नहीं जोड़ सके जिनमें एंट्री स्केल के साथ बंचिंग करते हुए पे-स्केल भी होते। जनवरी 2006 के बाद नए नियुक्त शिक्षक अधिक वेतन पा रहे हैं जबकि सीनियर को कम मिल रहा है। सितम्बर में नए प्राथमिक शिक्षक को 13500, टी.जी.टी. को जिनकी नियुक्ति जनवरी 2006 से सितम्बर 2008 के बीच हुई है उनको 17140 और पी.जी.टी. को 18150 entry pay मिलना ही था।( कृपया देखें, Notification dated 29/08/2008,page 43,The first schedule,Part A,Section II) लेकिन 31 दिसम्बर 2005 तक नियुक्त सीनियर को (1.86 X बेसिक) ही मिलना था। अगर इसी तरह बिल बने हैं तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं हुआ है। अब अक्तूबर में एनोमली (विसंगति) बन चुकी है और आप ठीक उसी तरह के पे स्केल की मांग कर सकते हैं जैसा 'डाउनलोड' नामक पेज पर हमने दिखाया है। कुछ लोग अब भी समझ नहीं पा रहे है कि आपको एनोमली के कारण जूनियर के बराबर मिलना है ना कि आपका अधिकार है। अब एनोमली दूर करने के लिए वेतन आयोग ने पूरा एक वर्ष दिया है।आप संकल्प का पेज नंबर 5 या resolution का पेज नंबर 31 देखें। आपके पास इन्तजार करने के सिवा कोई रास्ता नहीं है। कुछ भाई पुराने 'मठाधीशों' के अधकचरे ज्ञान की वजह से ख़ुद परेशान हैं। ये 'भूतों' का मोह छोड़ नहीं पाते। कृपया, इन्तजार करना सीखें, आज डेल्टा की साईट पर जो पे-स्केल दिख रहा है उसे लागू करने के सिवाय कोई रास्ता ही नहीं है।विसंगति कम करने हेतु केंद्रीय विद्यालय संगठन ने प्राथमिक शिक्षकों के लिए हू-ब-हू वही वेतनमान लागू कर दिया है,जैसा डेल्टा की साईट पर अगस्त -सितम्बर से ही सुझाव दिया गया था। आप इस लिंक को क्लिक करें -
http://kvsangathan.nic.in/doubt_regarding_pay_fix.pdf
सीनियर को जूनियर के साथ,एनोमली दूर करते समय एक साथ रखना ही पड़ेगा और टी.जी.टी.के लिए 17140 तथा पी जी टी के लिए 18150 से शुरू करके बंचिंग करते हुए यही पे- स्केल लागू करना पड़ेगा। प्रिंसिपल तथा अधिकारियों के लिए भी इसी तरह बंचिंग करनी होगी। बंचिंग करते समय पी जी टी को टी जी टी से समान बेसिक पर कम नहीं दिया जा सकता इसीलिए 6700 और 6725 पर 13710 दिया गया है। कमाल की बात है कि कोई भी उच्च अधिकारी सही पे-स्केल न बता कर पे-कमीशन की रिपोर्ट को ही इन्टरनेट से कॉपी-पेस्ट करके निचले अधिकारी को भेज देता है। ये लो, सिक्स्थ पे-कन्फ्यूजन का संविधान और जैसे मन करे बिल बना लो। पूछो तो कहते हैं---हम क्या करें,कम तो हमें भी मिल रहा है। इस अजीब दौर में भी एक दिन सभी नवोदय,केंद्रीय,रेलवे तथा अनेक पब्लिक स्कूलों में भी यही पे- स्केल लागू होंगे।मगर हमें जगा रहना पड़ेगा और संगठन को आर्थिक रूप से तैयार रखना होगा ताकि किसी भी समय कोर्ट में चुनौती दी जा सके। आप अपने सभी दोस्तों को ऑनलाइन मेम्बरशिप फॉर्म भरने के लिए प्रेरित करते रहें। उच्च अधिकारियों ने फिलहाल प्रिंसिपल को ग़लत बिल भेजने का दोषी बना रखा है। अपनी तरफ़ से दो-चार लाइन का आदेश निकल दिया है कि सभी को नए वेतनमान तथा एरियर दे दिया जाय। बस, अपनी बला दूसरे के सर। यही तो ABCD technique है। प्रिंसिपल जब चाहें,अब अपनी सुविधा के अनुसार चाहे तो बंचिंग के साथ अभी से लागू करें या बाद में। लेकिन अभी बंचिंग कर देने पर दुबारा फिक्सेसन नहीं करना पडेगा। कुल मिलाकर तीन बार एरियर देना पड़ेगा। पहली बार 40 % ,दूसरी बार 60% एवं तीसरी बार एनोमली का एरियर। आप अपने आस पास जनवरी 2006 की नियुक्ति का मामला खोजें और हमें सूचित करें। जिन राज्यों में जनवरी 2006-2008 के बीच कोई नियुक्ति नहीं हुई है वहां विसंगति आज तो नहीं होगी और एरियर भी नहीं मिलेगा परन्तु जिस दिन कोई नयी नियुक्ति हो जायेगी उसी दिन राज्य भर में विसंगति बन जायेगी।विसंगति दूर करने कराने में परेशानी किसी से छिपी नहीं है।
कुल मिलाकर ये सरकार आलोचना ही झेलेगी। श्रेय मिलना तो गया भांड में।
"कुछ समझकर ही खुदा तुझको कहा है वरना,
कौन सी बात कही, इतने यकीं से हमने....

(जानिसार अख्तर)