Saturday, August 30, 2008

एक मार्मिक अपील जो शायद आप को छू सके


हम आज खुश हैं कि हमें एक अच्छा वेतनमान मिल जाएगा। मिलना भी चाहिए,गुरु को समाज में इज्ज़त मिलनी चाहिए। लेकिन दोस्तों, शिक्षक का पेशा एक ऋषि, एक संत का पेशा है।हमारे पूर्वज जंगलों में रहकर,लंगोटी पहन कर, झोपडी में रहकर ,जंगली लोगों और जानवरों के बीच भी ज्ञान की खोज करते रहे, बांटते रहे। हम भी उसी ऋषि परम्परा का पालन करें। "हमें सादा जीवन, उच्च विचार" को समाज में स्थापित करना चाहिए।
आज बिहार में जिस तरह की तबाही बाढ़ के कारण आयी है,वो मानवता के लिए परीक्षा की घड़ी है। कैसा अजीब संयोग है कि हमें बढे वेतन की ख़बर उस दिन टी वी पर मिल रही है जब बेबस, भूखे और लाचार हजारों चेहरे रोते नज़र आते हैं। आख़िर हमें वेतन उन्ही गरीबों से लिए गए टैक्स से मिलता है।
क्या इस संकट की घड़ी में उन गरीबों के लिए हम अपने वेतन,कपड़े,भोजन में से कुछ नहीं दे सकते। हमें अगर सरकार मौका दे तो बिहार जाकर वहां सहायता भी करनी चाहिए। हम डेल्टा के माध्यम से आपसे अपील करते हैं कि आप 'मुख्यमंत्री राहत कोष,बिहार ' को अधिक से अधिक राहत सामग्री एवं आर्थिक सहायता दें। आप इसी नाम से चेक या डीडी मुख्यमंत्री सचिवालय,4 के.जी.देश रत्न मार्ग, पटना के पते पर भेज सकते हैं। अगर आप कैश जमा कराना चाहते हैं तो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया,सचिवालय शाखा, पटना के कोर बैंकिंग अकाउंट नम्बर 10839124928 में किसी भी स्टेट बैंक की शाखा से पैसे भेज सकते हैं.......त्वदियम वस्तु गोविन्दम, तुभ्यमेव समर्पये............