
विभूति कुमार रस्तोगी, नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय और नगर निगम के बाद अब राज्य सरकार अपने सभी स्कूलों में बायोमैट्रिक सिस्टम (पंचिंग मशीन से हाजिरी) लगाएगी। इससे न केवल लेटलतीफ शिक्षकों पर लगाम लगेगी, बल्कि प्रिंसिपल के खास शिक्षक हाजिरी में गड़बड़ी भी नहीं कर सकेंगे। बायोमीट्रिक सिस्टम को इंटरनेट के जरिए शिक्षा निदेशालय से जोड़ा जाएगा। राजधानी में कुल 937 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें करीब बाइस हजार शिक्षक हैं। मौजूदा व्यवस्था में प्रिंसिपल और शिक्षक रजिस्टर में अपनी हाजिरी लगाते हैं, जिसमें आने और जाने का समय भी दर्ज किया जाता है। रजिस्टर से हाजिरी व्यवस्था में कई खामियां सामने आई हैं। अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि जो शिक्षक प्रिंसिपल के खास होते हैं, वे मनमर्जी से स्कूल आते और जाते हैं। वे अपनी सुविधानुसार ही रजिस्टर में समय दर्ज कर देते हैं। उनका रिकार्ड भी दुरुस्त रहता है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान भी नहीं देता। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि इससे शिक्षकों की लापरवाही पर अंकुश लगेगा, जिसका सकारात्मक असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा और रिजल्ट में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि योजना को जल्द मूर्त रूप दे दिया जाएगा। सभी स्कूलों को कंप्यूटर और इंटरनेट से शिक्षा निदेशालय और क्षेत्रीय कार्यालयों से जोड़ा जाएगा, ताकि स्कूलों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। उधर, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की एसोसिएशन डेल्टा के महासचिव मदन मोहन तिवारी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत तो किया है, साथ ही कहा कि चूंकि स्कूलों से ज्यादा शिक्षा निदेशालय में लोगों के ज्यादा काम पड़ते हैं। इसलिए शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों के सही समय पर आने और जाने के लिए भी हाजिरी की यही व्यवस्था लागू की जाए।
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