
नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ सभी दोस्तों के उस जज्बे को सलाम जिसने केवल ६०-७० दिनों में ही हमें करीब १२५ सेकेंडरी,४० नगर निगम स्कूलों में पहुँचा दिया। आप सभी की दिन रात की मिहनत से ही ये संभव हुआ है। हमारे लिए अभी बहुत काम है। हमें हर उस गरीब और मजबूर बच्चे की आँखों में उम्मीद की किरण जगानी है कि उसे एक दिन एक अच्छी सुबह मिल सकेगी। वो अपने 'सर' या 'मैडम' को किसी भगवान्, किसी मसीहा से कभी कम नहीं समझता। क्या उसकी मासूम आंखों में,उसकी नन्हीं हथेलियों में उसका आसमान, उसकी आंखों में कुछ सपने दे सकेंगे हम?हे भगवान् ! हम सबको ऐसी शक्ति दे कि हम तुम्हारी इस बगिया में कुछ नन्हें फूलों के चेहरों पर मुस्कान ला सकें.......
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