Saturday, January 22, 2011

Principals will undergo Training for RTI





प्रिंसिपल सीखेंगे आरटीआइ का सबक



नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : राजधानी के एक हजार सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों की क्लास लगेगी और उन्हें सूचना के अधिकार के तहत सवालों का जवाब देने का पाठ पढ़ाया जाएगा। दरअसल हाल ही में केंद्रीय सूचना आयोग ने शिक्षा निदेशालय को आदेश दिया था सभी सरकारी स्कूलों में ही आरटीआइ लगाने व उसका जवाब देने के लिए प्रिंसिपलों को ही सूचना अधिकारी नियुक्त किया जाए। इससे लोगों को स्कूल की जानकारी स्कूल से ही मिल जाए। उन्हें स्कूलों की हर छोटी-बड़ी जानकारी के लिए उपशिक्षा निदेशक के कार्यालय में न जाना पड़े। निदेशालय ने सूचना आयोग के आदेश पर अमल करते हुए स्कूल को आरटीआइ का जवाब देने के लिए अधिकृत कर दिया। लेकिन इसके लिए प्रिंसिपलों को आरटीआइ की बारीकियों से रूबरू कराना जरूरी था। आरटीआइ का जवाब देने के लिए प्रिंसिपलों का प्रशिक्षण अगले माह यानी फरवरी में शुरू किया जाएगा और कुछ प्रिंसिपलों का एक-एक ग्रुप बनाकर 10 वर्गो में प्रशिक्षण पूरा किया जाएगा। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की एसोसिएशन डेल्टा के महासचिव मदन मोहन तिवारी की आरटीआइ पर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने यह फैसला सुनाया था। फैसले में यह भी कहा गया था कि सभी स्कूलों में एक बड़ा डिसप्ले बोर्ड भी लगाया जाए और उस पर सभी योजना और छात्र हित के जुड़ी बातों को सार्वजनिक किया जाए। ताकि सभी इसे पढ़ें और ये सुविधाएं न मिलने पर इसकी शिकायत करें। बोर्ड पर शिक्षा निदेशालय, उप शिक्षा निदेशक के फोन नंबर के अलावा जोन का नाम सहित स्कूल के सूचना अधिकारी का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। ऐसा न करने पर सूचना आयोग जाफराबाद और मंगोलपुरी के सरकारी स्कूलों पर जुर्माना भी लगा चुका है। डेल्टा के महासचिव मदन मोहन तिवारी ने सूचना आयोग के फैसले पर खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि स्कूल में बच्चों की मदद के लिए आने वाली करोड़ों रुपये की योजनाएं दबी रह जाती हैं बच्चों और उनके अभिभावकों को पता ही नहीं चल पाता। लिहाजा डिस्प्ले बोर्ड का निर्णय सूचना आयोग का अच्छा निर्णय है।

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