Saturday, January 22, 2011

आम जनता के लिये सरकारी स्कूल की नर्सरी ही एकमात्र सस्ते विकल्प


सरकारी स्कूलों में भी दाखिले का विकल्प


नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : पहली फरवरी को राजधानी के निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए बच्चों की सूची जारी होगी। इसमें नाम आने पर बच्चों के अभिभावक काफी खुश होंगे। वहीं ऐसे अभिभावकों की भी कमी नहीं होगी जिन्हें निराशा हाथ लगेगी। ऐसे अभिभावकों के पास सरकार स्कूल का विकल्प है। सरकारी स्कूलों में 17 हजार सीटों पर नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए 28 मार्च से आवेदन पत्र मिल रहा है। नर्सरी दाखिले को लेकर निजी स्कूलों में मारामारी हो रही है। फॉर्म जमा करने के बाद भी रोज नए-नए झमेले सामने आ रहे हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में भी दाखिले के लिए फार्म मार्च में जमा होंगे। ऐसे में अभिभावकों के पास सरकारी स्कूलों में दाखिले का विकल्प है। सरकारी स्कूलों में नर्सरी और प्री-प्राइमरी के लिए फॉर्म 28 मार्च से मिलने लगेंगे। 11 अप्रैल तक फॉर्म जमा लिए जाएंगे। 15 अप्रैल को ड्रा होगा, जबकि पहली सूची 18 अप्रैल को लगाई जाएगी। इसके साथ ही 19 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच दाखिले के लिए सभी दस्तावेज जमा करने होंगे। ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार के 216 सरकारी स्कूलों में नर्सरी में 17 हजार से अधिक बच्चों के लिए दाखिला होगा। पिछले साल से कुछ सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षा की व्यवस्था शुरू की गई है, लेकिन जानकारी के अभाव में अभिभावक उन तक नहीं पहुंच सके थे। सर्वोदय विद्यालय में नर्सरी की पढ़ाई होगी, जिसमें करीब 80 सीटें होंगी। इसमें 40 हिंदी माध्यम और 40 अंग्रेजी माध्यम के लिए दाखिले होंगे। नगर निगम स्कूल में कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ाई होती है। फिर यहीं से छठी कक्षा में बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाता था। लेकिन कक्षा एक से पहले प्री प्राइमरी की पढ़ाई न निगम के स्कूलों में होती थी और न ही दिल्ली सरकार के स्कूलों में होती थी। सरकारी शिक्षकों का एसोसिएशन डेल्टा के महासचिव मदन मोहन तिवारी का कहना है कि लोगों में नर्सरी से ही बच्चों को पढ़ाने के क्रेज को देखते हुए सरकार ने बीते साल कुछ सेकेंडरी स्कूलों में नर्सरी कक्षा की पढ़ाई शुरू की थी, जिसमें काफी सफलता मिली।

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